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GDP
आज मैं आप सभी को GDP से संबंधित सारी जानकारी आसान भाषा में देने जा रहा हूं । आप सभी के मन में GDP से संबंधित बहुत सारे प्रश्न आते रहते हैं। आज मैं उन सभी प्रश्नों का उत्तर नीचे अपने इस पोस्ट के माध्यम से आप सभी के बीच इस पोस्ट के माध्यम से पहुंचा रहा हूं।
GDP Kya Hai
जीडीपी क्या है?
किसी भी देश के अर्थव्यवस्था के विकास के स्तर को समझने के लिए जीडीपी ( GDP ) का प्रयोग किया जाता है। अच्छी जीडीपी होने पर उस देश की अर्थव्यवस्था को अच्छा समझा जाता है , यदि देश की जीडीपी में गिरावट होती है, तो उस देश की अर्थव्यवस्था को अच्छा नहीं समझा जाता, इसके अंतर्गत एक साल में एक देश में जितना उत्पादन हुआ है और साथ ही आपके द्वारा सेवा का कितना उपभोग किया गया है, दोनों की गणना की जाती है। GDP की गणना आमतौर पर वार्षिक आधार पर की जाती है परन्तु इसकी गणना तिमाही आधार पर भी की जा सकती है।

जिसका सारा दोष उस देश की सरकार को दिया जाता है, क्योकि देश की सरकार ही अपने देश की आर्थिक नीति का निर्धारण करती है। गलत नीति के कारण पूरे देश को भारी नुकसान का सामना करना पड़ता है ।
जीडीपी में कृषि, उद्योग और सेवा तीन घटक रहते हैं , और इन्हीं क्षेत्रों के उत्पादन बढ़ने या घटने से जीडीपी तय होती है। जीडीपी दो तरह से प्रस्तुत होती हैं , क्योंकि उत्पादन कीमत महंगाई के साथ बढ़ती है या घटती है। यह कॉन्टेंट प्राइस का पैमाना रहता है , जिसमें दर और उत्पादन का मूल्य 1 वर्ष में तय रहता है। जबकि दूसरा पैमाना रहता है करंट प्राइस जिसमें महंगाई दर भी शामिल होती है।
GDP का इतिहास
GDP का इतिहास बहुत पुराना है , सन 1652 और सन 1674 के बीच डच और अंग्रेजी के बीच अनुचित कराधान के खिलाफ जमींदारों का बचाव करने के लिए विलियम पेटी द्वारा जीडीपी की मूल अवधारणा दी गई थी , लेकिन बाद में इस सिद्धांत को चार्ल्स डेवनेंट द्वारा आगे विकसित किया गया है. इसकी आधुनिक अवधारणा को पहली बार सन 1934 में साइमन कुजनेट द्वारा विकसित किया गया था।
GDP सन 1944 में ब्रेटन वुड्स सम्मेलन के बाद देश की अर्थव्यवस्था को मापने का मुख्य साधन बन गया था । तब से लेकर आज के समय में यह करीब करीब सभी देशों में लागु हो गया है।।
GDP Full Form
GDP KA FULL FORM – GROSS DOMESTIC PRODUCT
GDP FULL FORM in HINDI
– सकल घरेलू उत्पाद
gdp rate of india 2019
- 4.5 % India’s gross domestic product (GDP)
जीडीपी के प्रकार (Types of GDP)
जीडीपी की गणना करने में देश के अंदर वस्तुओं और सेवाओं के मूल्य की गणना की जाती है| समय के अनुसार इन वस्तुओं और सेवाओं के मूल्य में परिवर्तन होता रहता है, जिसके लिए जीडीपी की गणना करना थोड़ा सा कठिन होता है, इसके लिए टैक्स के आधार पर कई अप्रत्यक्ष और औसत गणना की जाती है, जीडीपी दो प्रकार से है-
1 वास्तविक जीडीपी (Real GDP)
किसी देश की जीडीपी निकालने के लिए एक आधार वर्ष का निर्धारण किया जाता है। इसमें वस्तुओं और सेवाओं के मूल्य को फिक्स माना जाता है , इस प्रकार की जीडीपी को वास्तविक जीडीपी कहा जाता है| भारतीय अर्थव्यवस्था में यह आधार वर्ष 2011-12 माना गया है।
2. अवास्तविक जीडीपी (Unrealistic GDP)
किसी देश की जीडीपी निकालने के लिए वर्तमान बाज़ार कीमत को आधार माना जाता है, इस कीमत के आधार पर ही जीडीपी का अध्ययन किया जाता है ।इस प्रकार से जीडीपी को अवास्तविक (नामिक) जीडीपी कहा जाता है ।वास्तविक जीडीपी के द्वारा देश के आर्थिक विकास को सही ढंग से प्रजेंट करती है ।तुलनात्मक नजरिये से यह बहुत ही लाभदायक है , इस प्रकार की जीडीपी के द्वारा देश के नागरिकों पर तुरंत ही प्रभाव पड़ता है ।।।
जीडीपी की गणना कैसे की जाती हैं?
जीडीपी की गणना 3 तरीके से की जा सकती हैं, जो निम्न है −
- Expenditure method of counting GDP
- Income method of counting GDP
- Production method of counting GDP
GDP Kaise Calculate Hota Hai
GDP (सकल घरेलू उत्पाद) = उपभोग (Consumption) + कुल निवेश (Gross Investment) + सरकारी खर्च (Government Spending) + [निर्यात (Imports) – आयात (Exports)]
gdp growth rate formula
GDP = C + I + G + (X − M)
उपभोग (Consumption)
अधिकतर घरेलू खर्च उपभोग में घरेलू खर्च शामिल होते है, जैसे- किराया, भोजन, चिकित्सा खर्च आदि उपभोग में नया घर शामिल नहीं किया जाता है।
कुल निवेश (Gross Investment)
यह उपभोक्ता वस्तुओं और सेवाओं पर किया जाना वाला खर्च है, यह देश की घरेलू सीमाओं के भीतर माल और सेवाओं पर सभी संस्थानों द्वारा किये गये कुल खर्च का मापन करता है।
सरकारी खर्च (Government Spending)
इसमें सभी प्रकार के सरकारी खर्च शामिल होते है जैसे- सरकारी कर्मचारियों का वेतन, सेना के लिए हथियार खरीदना और सरकार के द्वारा किया गया निवेश आदि शामिल है।
निर्यात (Imports)
निर्यात में अन्य देशों के लिए उपभोग में तैयार किया गया माल या सेवाओं को गिना जाता है, तथा GDP (सकल घरेलू उत्पाद) में जोड़ा जाता है।
आयात (Exports)
इसमें आयात की गई वस्तुएँ और सेवाएं शामिल होती है, GDP की गणना के लिए आयात को घटाया जाता है।
सकल घरेलू उत्पाद की गणना की आय विधि । Income method of counting GDP
आय विधि के अंतर्गत आप सभी की आय ( Income ) की गणना करेंगे, किन्तु कुछ ऐसे लोग भी होंगे जो अपना बिज़नस उधार से चला रहे हों, या किसी को देर से payment मिल रहा हो, इसीलिए यह विधि टिकाऊ नहीं होती हैं।
आय के दृष्टिकोण का प्रयोग करते हुए, GDP (सकल घरेलू उत्पाद) की गणना करने के लिए समाज में उत्पादन के कारकों में कारक आय को जोड़ा जाता है।
इनमें शामिल हैं :-
कर्मचारी का मुआवजा + कॉर्पोरेट मुनाफा + मालिक की आय + किराये की आय + शुद्ध ब्याज
सकल घरेलू उत्पाद की गणना की उत्पादन विधि ।Production method of counting GDP
माल की बिक्री का मूल्य – बेचे गए माल के उत्पादन के लिए मध्यवर्ती माल की खरीद
- किसान गेहूँ का उत्पादन करता हैं और 10 किलों — 200 रूपये में बेचता हैं.
- आटें के लाइन ने उसे खरीद लिया, इसको पीसा और किसी बेकरी वाले को 250 रूपये में बेच दिया . (पिछली ख़रीद में 50 रूप जुड़ा )
- बेकरी वाले ने उसका ब्रेड बनाया, बिस्कुट बनाया और हमें बेच दिया 350रूपये में (पिछली खरीद में 100 रूपये जुड़ा)
तो कुल GDP क्या हुआ =
350 – 250 = 100
250 – 200 = 50
200 – 0 = 200
Total =350
आशा करता हूं कि GDP से संबंधित दी गई जानकारी आपके लिए लाभदायक हो ।
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