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bams course details in hindi
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आयुर्वेद उपचार की पांच हजार साल पुरानी पद्धति है, जिसे सभी आधुनिक उपचारों का अग्रदूत माना जाता है। बीमारी की रोकथाम और एंटी एजिंग में आयुर्वेद का कोई तोड़ नहीं है। पिछले कई वर्षो से इस क्षेत्र में काफी संभावनाएं बढ़ी है।
बीएएमएस डिग्री कोर्स ( BAMS course ) :-
आयुर्वेद में करियर बनाने के लिए बैचलर ऑफ आयुर्वेद मेडिसिन एंड सर्जरी (बीएएमएस) डिग्री होना जरूरी है। देश के कई कॉलेज एवं संस्थानों में आयुर्वेद की पढ़ाई होती है जिससे प्रवेश परीक्षाओं के आधार पर एडमिशन मिलता है। इस कोर्स को पूरा करने वाले स्टूडेंट्स को बीएएमसी की डिग्री दी जाती है।
योग्यता :- ( eligibility )-
50 फीसदी अंकों के साथ फिजिक्स, केमिस्ट्री और बायोलॉजी के साथ बारहवीं की परीक्षा पास हो।
कोर्स की अवधि :–
इसकी अवधि पांच या साढ़े पांच वर्ष की होती है। इसमे एक साल की इंटर्नशिप भी शमिल है।
पीजी / डिप्लोमा कोर्स इन आयुर्वेद :-
आयुर्वेद स्पेशियलिटी में 16 पीजी डिप्लोमा कोर्स होते हैं।
योग्यता- पीजी डिप्लां के लिए आयुर्वेद में बैचलर डिग्री का होना जरूरी है।
कोर्स की अवधि- यह कोर्स दो वर्ष का है।
डॉक्टर ऑफ मेडिसिन- एमडी (आयुर्वेद)
यह पोस्ट ग्रेजुएट डिग्री कोर्स है। यह कोर्स आयुर्वेद की 22 स्पेशियलिटीज में होता है।
कोर्स की अवधि– इसकी अवधि तीन साल की है।
व्यक्तिगत गुण– प्रकृति और प्राकृतिक वनस्पति और जुड़ी बूटियों मे स्वाभाविक दिलचस्पी से आप इस क्षेत्र में आगे बढ़ सकते है।
आयुर्वेदिक अस्पताल में करें नौकरी :-
आयुर्वेद में ग्रेजुएट या पोस्ट ग्रेजुएट कोर्श के बाद आय़ुर्वेदिक अस्पताल या क्लिनिक में आसानी से नौकरी मिल जाती है। इस क्षेत्र मे सरकारी और निजी दोनों ही क्षेत्रों में अवसरों की कोई कमी नहीं है। प्राइवेट अस्पताल और नर्सिंग होम्स में आयुर्वेदिक डॉक्टर को बेहतरीन पैकेज ऑफऱ किया जाता है।
कॉलेज में फैकल्टी का पद– देश के विभिन्न आयुर्वेदिक कॉलेजों और संस्थानों में फैकल्टी के तौर पर जुड़ा जा सकता है। टीचिंग के लिए आयुर्वेद में संबंधित विषय मं पोस्ट ग्रेजुएशन का होना जरूरी है। फैकल्टी की मासिक आय 60 हजार रूपए से ज्यादा है।
रिसर्च में भी है कई मौके –
रिसर्च में भी अच्छी संभावनाएं है। रिसर्च में रूचि रखने वाले छात्रों को सेंट्रल काउंसिल फॉर रिसर्च इन आयुर्वेद एंड सिद्धा करे माध्यम से मौके मिल सकते है।
क्लिनिक खोल करें कमाई –
यदि आप स्वतंत्र रूप से काम करना चाहते है तो खुद का क्लिनिक खोल सकते है। इसकी शुरूआत आप घर से भी कर सकते है। खुद का क्लिनिक खोलने पर आमदनी की सीमा आपकी प्रैक्टिस और योग्यता पर निर्भर करेंगी। प्रैक्टिस चल जाने पर एक आयुर्वेदिक डॉक्टर काफी अच्छा कमा सकते है।
फॉर्मेसी और हर्बल कॉस्मेटिक्स –
आयुर्वेज में बीएएमएस डिग्री के बाद दवा बनाने वाली कंपनयों में नौकरी की जा सकती है। पिछले कुछ सालों से हर्बल प्रोडक्ट और हर्बल दवाओं का चलन चल पड़ा है। लोग ज्यादा से ज्यादा हर्बल प्रोडक्ट इस्तेमाल करना पसंद कर रहे है। ऐसे में हर्बल प्रोडक्ट और हर्बल दवाओं का चलन चल पड़ा है।
विदेश में भी है मौके –
आयुर्वेदिक दवाओं में साइड इफेक्ट की संभावना बहुत कम होती है। इसी कारण आयुर्वेदिक दवाएं विश्व स्तर पर इलाज की बेहतरी विधि मानी जाती है। उपचार की यह प्रणाली विदेशों में भई काफी लोकप्रिय है। इसी वजह से वहां ट्रेंड आयुर्वेदिक प्रोफेशनल्स की काफी मांग है।

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